Oct 16, 2011

सियाही



में सियाही तो तुम रक़्त हो,
में हूँ फ़िज़ूल् तो तुम सक़्त हो I
रक्त यूह बेह्कर अल्फाज़ बन जता है और 
सियाही अखबार घर घर पहुँच जाता है I

- स्वाति शोभा सेवलानी