Sep 9, 2012

Aura of Eternal Love

Aura Of Eternal Love Translated in Hindi by Tripti Mishra 
(Many thanks to Tripti Mishra for taking out her time and translating my poem)


नहीं ...न तो ये तुम हो 
न तुम्हारी काया या साया 
सिर्फ तुम्हारी आत्मिक पवित्रता 
कुछ अनकहे शब्दों से छुई हुई 
अभी तक मेरी लहरों से अनछुई 
ये दिलेर दिल, मोहिनी मुस्कान 
मुरब्बे सा एहसास, पछतावे रहित निगाह 

आह्लादित सी इश्वरियता
ह्रदय धड़कता अन्दर, आंखें स्पष्ट खुलीं
पूरण शब्द पारदर्शी
ये मृगमरीचिका मन की, या प्यार
या "मैं" तुम्हारी आत्मा पे निर्भर
या पहुँचना मंज़िल तक
पर न तो "मैं"
न मेरे जलती हुई चाहत
बस ..मेरी आत्मा शांति को पूछती !

To read the poem in English, click here.


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Swati Shobha Sevlani

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